आज कल चारों तरफ आदमी के अधिकारो की बात हो रही, चाहे वह टीवी हो, पेपर हो, रेडियो हो ओर चाहे ब्लॉग। हम अपने अधिकारों की बात बडी शान से करते है। कभी मैने किसी को अपने कर्तव्यों की बात करते नही सुना। मै यँहा दोनो की बात कर रहा हूँ। पहले कर्तव्य को पढे, फिर अधिकारो को पढे। और फिर दिल पर हाथ रख कर सोचे बस। ज्यादा गहराई में जाना सही नही होगा। बस सोचो। और अपनी आत्मा से पूछो । कि हमने कौन सा कर्तव्य निभाया है। बस। संविधान के भाग 4 के अनुच्छेद 51क में दस मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख किया गया है... 1. प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह संविधान का पालन करें और उसके आदर्शो, संस्थाओ, राष्ट्र्ध्वज और राष्ट्गान का आदर करे।
2. स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्टीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को ह्र्दय में संजोए रखे और उनका पालन करें। 3. भारत की प्रभुता एकता और अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण रखे।
4. देश की रक्षा करें।
5. भारत के सभी लोगों में समरता और समान भ्रात्त्तव की भावना का निर्माण करे।
6. हमारी सामाजिक संस्कति की गौरवशाली परम्परा का मह्त्व समझे और उसका परिरक्षण करे।
7. पयार्वरण की रक्षा और उसका संवर्धन करें।
8 वैज्ञानिक सोच और ज्ञानार्जन की भावना का विकास करें।
9. सार्वजनिक सम्पति को सुरक्षित रखे।
10. व्यकिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उतर्कष की ओर बढ्ने का सतत प्रयास करें।